दुनिया के शीर्ष अर्थशास्त्रियों व संस्थाओं की बात माने तो ये कर्ज का पैसा कालेधन का ही है और पूरी दुनियाँ में जितना भी कालाधन है उसमें आधा तो भारत का ही है। एक और मजे की बात यह है कि इनमें शीर्ष 10 देश भी तीन महीने में लगभग 115 लाख करोड रुपये और कर्ज ले लेते है। यूरो एरिया भी महीने में 57 लाख करोड रुपये से अधिक कर्ज ले लेता है। दूसरे अन्य देशों का भी कर्ज हर महीने बढ ही रहा है। आखिर ये पैसा आ कहाँ से रहा है? क्या आसमान से टपक रहा है? इसकी गहराई में जाने से यह पता चलता है कि हमारे देश के किसान, मजदूर, मध्यम वर्ग के व्यापारी, शिक्षक, सैनिकों आदि ने जो पैसा मेहनत करके कमाया और टैक्स के रुप में सरकार को दिया उसी हमारी खून पसीने की कमाई को इन बेईमान भ्रष्टाचारियों ने लूटकर विदेशों में भेज दिया और इसी कारण हमारे देश का 84 करोड लोगों का एक बडा वर्ग गरीबी रेखा के नीचे जीवन का यापन करने को मजबूर है। भूखे, फटेहाल, बेघर व बेसहारा इन लोगों के बच्चों की तो और भी दयनीय स्थिति है ।
Wednesday 18 April 2012
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6 comments:
kala dhan vapas lana hai to yuvao ko jagna hoga aur annahajare aur ramdevji ka sath dena hoga
kala dhan vapas lana hai to yuvao ko jagna hoga aur annahajare aur ramdevji ka sath dena hoga
Kale dhan patiyo ko black list me dala ja sakta hai
swami ramdev jaisa ratn sadiyon me ekadh bar hota hai. yah hamara saubhagy hai wah hamare samane kranti ki mashal lekar khare hai. agar ham unaka sath nahi dete to ham gaddaron se bhi bare gaddar w deshdrohoyon se bhi bare deshdrohi hain. baba ham tan-man-han se tere sath hai. kuchal denge kaledhan ke nagon ko.
Bhagao bhrastonko is desh se
आपके विचारो के प्रसार और प्रचार को जन - जन के हर्दय में बसाना जरूरी है ताकि देश विश्व गुरु बने और आपके सपने साकार हो ,
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