Wednesday 18 April 2012

कालाधन


वास्तव में भारत जैसे प्राकृतिक संसाधन संपन्न देशों का ही धन है जो काले धन के रुप में विदेशी कर्ज के तौर पर देश से बाहर चला गया है विदेशी ॠण के रुप में देश से बाहर गया काला धन स्थायी रुप से किसी एक देश में नही ठहरता है बल्कि अगले नए देश में गतिशील रहता है। भारत का स्विटजरलैंड के बैकों मे जमा काला धन अब दुबई, सिंगापुर व माँरीशस आदि देशों में जा रहा है। यह भी कम रोचक बात नही है कि कुल मिलाकर विश्व के सभी देशों की जी0डी0पी0 लगभग 62 ट्रिलियन डाँलर की है जबकि विश्व के सभी देशों पर कुल मिलाकर लगभग इतना ही बाहरी या विदेशी ॠण है। 
सबसे अधिक कालाधन कुछ भ्रष्ट नेताओं तथा इसके बाद कुछ भ्रष्ट अधिकारियों तथा कुछ बेईमान बडे उद्योगपतियों के पास यह कालाधन है। विदेशी बैंकों में जमा इस कालेधन का विदेशी ॠण के रुप मे विश्व के बडे देश उपयोग करके विकास कर रहे है तथा विलासिता कर रहे हैं तथा भारत व अन्य देश इस भ्रष्टाचार व कालेधन के कारण गरीबी, भूख, अभाव व अपमान में जी रहे है।  
बैंकों की गोपनीयता का लाभ उठाकर हवाला, ओवर इन्वायसिंग, अंडर इन्वायसिंग करके तथा भ्रष्टाचारी व्यक्ति खुद स्विटजरलैंड आदि जाकर वहाँ जमा कराते है। अब तो भारत में केन्द्र सरकार ने स्विटजरलैंड व इटली आदि के उन बैकों को भारत में शाखा खोलने के लिए लाइसेंस दे दिया है जो कलाधन जमा करते है, जिससे कि बेईमान लोगों को देश का लूटा हुआ धन विदेशी बैंकों जमा कराने में कोई परेशानी न हो। 
जिन देशों में ये कालाधन जमा है उन सभी देशों के दूतावास भारत में है। जब भी ये भ्रष्ट लोग उन देशों में जाते है तो जाने से पहले उन देशों का इन्हीं दूतावासों से वीजा लेते है। इसके साथ-साथ भारत सरकार के भी इमीग्रेशन विभाग को पता होता है कि कौन व्यक्ति किस देश में जा रहा है तथा कहाँ से जाकर आया है। ये पूरा विवरण सरकार के पास है, इस पर तुरन्त कार्यवाही करके सरकार पता लगा सकती है कि कालाधन जमा करने वाले कौन लोग है। कुछ लोग स्विटजरलैंड व अन्य टैक्स हेवन देशों में घूमने, नौकरी करने व अपने रिश्तेदारों के पास भी जा सकते है लेकिन कुछ बडे नेता, बडे अधिकारी तथा बडे व्यापारी बार-बार वहाँ पर जाते है। इसका मतलब वे ही बेईमान है और बार-बार पैसा जमा करवाने के लिए ही जाते है।  

3 comments:

Rameshwar Arya on 18 April 2012 at 23:31 said...

जब करोडो मिल रहा हो -बाबुओ के आवास से |
फिर हमें ऐसी व्यवस्था को बदल देना चाहिए ||

जब आत्म हत्या कर रहा हो अन्न दाता खेत में |
फिर हमें ऐसी व्यवस्था को बदल देना चाहिए ||

जब चरण नेता के पकडे -इन्सान सच्चा देश का |
फिर हमें एसे नेताओ को - बदल देना चाहिए ||

घुट रही हो जब ये जनता -दुष्टों के खौफ से |
फिर हमें एसी व्यवस्था को -नया रूप देना चाहिए ||

हर एक दिल से आह निकली है -हर एक इन्सान रो रहा |
फिर हमें एसी व्यवस्था को बदल देना चाहिए ||

हो रही हो लूट जब हर तरफ -जिस देश में |
फिर हमें एसे लुटेरो को -दण्ड देना चाहिए ........


भारत स्वाभिमान व्यवस्था परिवर्तन आन्दोलन में हम आप के साथ हैं

Unknown on 12 October 2012 at 23:07 said...

swamiji pranam

Unknown on 12 October 2012 at 23:44 said...

swamiji ap ati uttm kary mein lagehain ham sada apke sath hain hamari shubhkamnayen.jo bhi rakshas log is yajya mein badha dal rahe hain unka avashy vinash hoga.satymev jayate.

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